राष्ट्रीय संस्मारक प्राधिकरण (रा.सं.प्रा.)
के लिए
नागरिक घोषणापत्र
2021
संकल्पना
राष्ट्रीय संस्मारक प्राधिकरण (रा.सं.प्रा) प्राचीन संस्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम, 2010 के प्रावधानों के तहत गठित एक सांविधिक निकाय के रूप में 2011 में अस्तित्व में आया। राष्ट्रीय संस्मारक प्राधिकरण की स्थापना का मूल उद्देश्य, भवन और सार्वजनिक परियोजनाओं के निर्माण, मरम्मत/नवीनीकरण के प्रयोजनार्थ केंद्र द्वारा संरक्षित स्मारकों के प्रतिषिद्ध और विनियमित क्षेत्रों के सांविधिक प्रावधानों का कार्यान्वयन करना है। इसके अलावा, राष्ट्रीय संस्मारक प्राधिकरण को इस बात के लिए अधिदेशित किया गया है कि वह केंद्रीय संरक्षित स्मारकों के प्रतिवेश में निर्माण गतिविधियों को विनियमित करने के लिए धरोहर उपविधियॉ बनाए। राष्ट्रीय संस्मारक प्राधिकरण(रा.सं.प्रा) को भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (भा.पु.स.) के परामर्श से केंद्रीय संरक्षित स्मारकों का वर्गीकरण और उनका उन्नयन करने का दायित्व भी सौंपा गया है।
मिशन
केंद्रीय संरक्षित स्मारकों के विनियमित क्षेत्र के अन्तर्गत निर्माण कार्य करने के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) के लिए आवेदन संबंधित सक्षम प्राधिकारी (सी.ए.) को प्रस्तुत किए जाते हैं, जो अपनी विशिष्ट संस्तुतियो के साथ इन्हें राष्ट्रीय संस्मारक प्राधिकरण (एनएमए) के पास भेजते हैं। प्राधिकरण संस्मारकों के संरक्षण और अनुरक्षण के लिए आवश्यक विभिन्न कारकों को ध्यान में रखते हुए अनापत्ति प्रदान किए जाने और अन्यथा सिफारिश करता है। महीने के दौरान, एनएमए कई बैठकें आयोजित करता है जिसमें प्राधिकरण महीने के दौरान प्राप्त अनापत्ति आवेदनों पर विचार करता है और अनापत्ति देने के लिए सिफारिश करता है। कुछ आवेदनों को या तो खारिज कर दिया जाता है अथवा सूचना और/अथवा आवेदन पर विचार किए जाने के लिए आवश्यक/अपेक्षित दस्तावेज उपलब्ध न होने के कारण वापस कर दिए जाते हैं।
राष्ट्रीय संस्मारक प्राधिकरण के लिए यह भी अधिदेशित है कि वह विभिन्न राज्यों और स्थानीय निकायों के साथ केंद्रीय संरक्षित स्मारकों के विनियमित क्षेत्र में निर्माण करने के लिए अनापत्ति प्रमाणपत्र के लिए स्वीकृति प्रदान करने के लिए अपनी ऑनलाइन अनापत्ति आवेदन और प्रक्रिया प्रणाली ‘एन. ओ. सी. आन लाइन एप्लीकेशन एंड प्रोसेसिंग सिस्टम' (एन.ओ.ए.पी.एस.) को एकीकृत करे। वर्ष 2016-17 में इस प्रक्रिया को अब तक दिल्ली के तीन नगर निगमों और ग्रेटर मुंबई नगर निगम के साथ सफलतापूर्वक किया गया है। इस पहल के भाग के रूप में, राष्ट्रीय संस्मारक प्राधिकरण के ऑनलाइन पोर्टल को झारखंड, गुजरात, हरियाणा, आंध्र प्रदेश, तमिलनाडु, उत्तराखंड और मध्य प्रदेश राज्यों के साथ एकीकरण की प्रक्रिया चल रही है। वर्तमान में, ऑनलाइन अनापत्ति आवेदन और प्रक्रिया प्रणाली, ‘एन. ओ. सी. आन लाइन एप्लीकेशन एंड प्रोसेसिंग सिस्टम' (एन.ओ.ए.पी.एस.) जिसे पिछले वर्ष निर्माण/पुन: निर्माण संबंधित परियोजनाओं के लिए विकसित और कार्यात्मक बनाया गया था, दिल्ली और मुंबई के लिए "अधिवृद्धि और परिवर्तन" परियोजनाओं के वास्ते ऑनलाइन आवेदन करने की सुविधा प्रदान करने के लिए और अधिक सुधार किया गया है।
राष्ट्रीय संस्मारक प्राधिकरण (एनएमए) द्वारा सितंबर 2015 में केंद्रीय संरक्षित स्मारकों के पास निर्माण के लिए अनापत्ति देने के लिए ऑनलाइन अनापत्ति आवेदन प्रक्रिया प्रणाली (एनओएपीएस) शुरू की गई थी। इस प्रक्रिया की मुख्य विशेषताएं हैं:-
क) आवेदन, भारत में कहीं से भी ऑनलाइन जमा किया जा सकता है।
ख) यह पारदर्शी है, क्योंकि आवेदन जमा करने से लेकर स्मारक से दूरी का मापन करने के लिए कोई मानवीय हस्तक्षेप नहीं है। इससे बिचौलिये भी हट गए हैं, जिससे यह भ्रष्टाचार मुक्त बन गया है।
c) स्मारकों से निर्माण स्थल की दूरी को भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा विकसित SMARAC App के उपयोग से मापा जाता है। आवेदक, संपत्ति की अवस्थिति और स्मारक से दूरी स्वयं प्रस्तुत करता है।
d) ऑनलाइन पूर्ण आवेदन प्राप्त होने के बाद से लेकर आवेदन के निपटान में लगने वाला समय औसतन 3 माह से कम होकर 30 दिन हो गया है। भारत ने वर्ष 2018 के लिए निर्माण अनुमति के संबंध में ‘कार्य निष्पादन में सरलता' (ईज ऑफ डूइंग बिजनेस) मानक में विश्व बैंक की रैंकिंग में 52वां स्थान प्राप्त किया है, जो वर्ष 2017 में 181वां था।
निर्माण कार्यों के लिए NOC के अनुदान के लिए NMA के ऑनलाइन पोर्टल "ईज ऑफ डूइंग बिजनेस" पर भारत सरकार की पहल के एक हिस्से के रूप में पहले ही 7 राज्यों और 4 ULBs के साथ एकीकृत किया जा चुका है।
राज्यों का एकीकरण पूरा हुआ
1.झारखंड
2. मध्य प्रदेश
3. आंध्र प्रदेश
4. तेलंगाना
5. पंजाब
6. हरियाणा
7. ओडिशा
शहरी स्थानीय निकाय एकीकरण पूर्ण:
1.दिल्ली के नगर निगम (एमसीडी)
2. नई दिल्ली नगर निगम (एनडीएमसी)
3. दिल्ली विकास प्राधिकरण (डीडीए)
4. नगर निगम ग्रेटर मुंबई (एमसीजीएम)
एकीकरण 8 अन्य राज्यों के साथ प्रगति पर है और 31 मार्च, 2021 तक पूरा होने की संभावना है।
राज्य एकीकरण प्रक्रिया के तहत थे::
1.कर्नाटक
2. तमिलनाडु
3. उत्तराखंड
4. उत्तर प्रदेश
5. पश्चिम बंगाल
6. बिहार
7. गुजरात
8. राजस्थान
प्राचीन संस्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम (एएमएएसआर) अधिनियम की धारा 20ड़ में धरोहर उप-विधियॉ बनाने की प्रक्रिया निर्धारित की गई है।
सक्षम प्राधिकारी के लिए केंद्र सरकार द्वारा अधिसूचित विशेषज्ञ धरोहर निकायों के परामर्श से प्रत्येक संरक्षित स्मारक और संरक्षित क्षेत्र के संबंध में धरोहर उप-विधियों का प्रारूप तैयार करना अधिदेशित है।
राष्ट्रीय संस्मारक प्राधिकरण द्वारा धरोहर नियंत्रणों के लिए आवश्यक स्थितियों की विशिष्ट अपेक्षाओं जैसेकि ऊंचाई, छज्जा, जल निकासी प्रणाली को ध्यान में रखते हुए धरोहर उप-विधियों के प्रारूप पर विचार किया जाना आवश्यक है।
प्राधिकरण द्वारा धरोहर उप-विधियों की स्वकृति के बाद, इसे संसद के प्रत्येक सदन के समक्ष प्रस्तुत किया जाएगा।
विरासत उप-विधियों की स्थिति
संसद के दोनों सदनों में प्रस्तुत किए गए धरोहर उप-विधियों की सूची
क्र. सं. |
निम्नलिखित के लिए धरोहर उप-विधियॉ |
|
तारीख, जब यह राज्यसभा में प्रस्तुत किया गया था |
तारीख, जब यह लोकसभा में प्रस्तुत किया गया था |
1 |
अमजद अली शाह का मकबरा |
1 |
7.01.2019 |
8.01.2019 |
2 |
हुमायूं का मकबरा- सुंदर नर्सरी- बताशेवाला स्मारक समूह |
17 |
9.07.2019 |
|
3 |
निजामुद्दीन बस्ती स्मारक समूह |
7 |
9.07.2019 |
15.07.20190 |
4 |
पुराना किला |
1 |
26.07.2019 |
26.07.2019 |
5 |
शेर शाह गेट और खैर-उल-मनाजिल |
2 |
26.07.2019 |
26.07.2019 |
कुल धरोहर उप-विधियॉ = 5
कुल स्मारक =31
88 (अठासी) 101 सीपीएम को कवर करने वाले विरासत उप-विधि प्रक्रियाधीन हैं
प्राचीन संस्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम (एएमएएसआर) अधिनियम 1958 की धारा 4क और 20 (ख) में स्मारकों के वर्गीकरण के लिए विधायी स्वकृति प्रदान की गई है।
अगस्त 2011 में अधिसूचित राष्ट्रीय संस्मारक प्राधिकरण (प्राधिकरण के अध्यक्ष और सदस्यों की सेवा-शर्तें और कार्य संहिता) नियमावली, 2011 के नियम 6 में इस प्रक्रिया की परिकल्पना की गई है।
राष्ट्रीय संस्मारक प्राधिकरण नियमावली, 2011 के नियम 6 में संलग्न अनुसूची में आठ श्रेणियां सूचीबद्ध की गई हैं।
वर्गीकरण की स्थिति
केंद्रीय संरक्षित स्मारकों की कुल संख्या – 3691
वर्गीकृत अैर अधिसूचना जारी करने के लिए मंत्रालय के पास भेजे गए केंद्रीय संरक्षित स्मारक - 915
अब तक 11395 आवेदन ऑफलाइन प्राप्त हुए हैं। उपर्युक्त आवेदनों में से 8535 आवेदनों की स्वकृति संस्तुत की गई है, 213 आवेदन विचाराधीन हैं और 1584 आवेदन वापस भेजी गई हैं।
अब तक 581 आवेदन ऑनलाइन प्राप्त किए हुए हैं। उपर्युक्त में से, 543 आवेदनों की स्वकृति संस्तुत की गई है, 27 आवेदनों को अस्वीकार किया गया है।
मुख्य सेवाएं/कार्य संपादन
क्र. सं. |
सेवा / लेन-देन |
उत्तरदायी व्यक्ति (पदनाम) |
ईमेल |
फोन नं./ पता |
प्रक्रिया |
आवश्यक दस्तावेज़ |
शुल्क |
I |
II |
III |
IV |
V |
|
VII |
VIII |
1. |
केंद्रीय संरक्षित स्मारकों के प्रतिषिद्ध/विनियमित क्षेत्र के भीतर निर्माण के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र |
श्री भास्कर वर्मा, आईसीएएस, सदस्य सचिव |
23073837 24, तिलक मार्ग, नई दिल्ली- 11001 |
1. आवेदक से राज्य के सक्षम प्राधिकारी को आवश्यक दस्तावेजों के साथ निर्धारित प्रारूप (प्रपत्र- I) में आवेदन प्रस्तुत करना अपेक्षित है। |
1 . फॉर्म-I |
शून्य |
|
2. |
धरोहर उप-विधियॉ बनाना |
श्री भास्कर वर्मा, आईसीएएस, सदस्य सचिव |
23073837 24, तिलक मार्ग, नई दिल्ली- 11001 |
1. 5 क्षेत्रीय निदेशकों, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) द्वारा अपने-अपने क्षेत्रीय केंद्रीय संरक्षित स्मारकों के संबंध में धरोहर उप-विधियॉ प्रारूप निर्मित किए जाते हैं और इन्हें महानिदेशक, भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को प्रस्तुत किया जाता है। |
|
|
सेवा मानक
क्र. सं.
|
सेवा/कार्य संपादन |
सफलता के संकेतक |
सेवा मानक |
इकाई |
आंकड़ों का स्रोत |
1. |
केंद्रीय संरक्षित संस्मारकों के प्रतिषिद्ध/विनियमित क्षेत्र के अंतर्गत निमार्णार्थ अनापत्ति प्रमाणपत्र की स्वीकृति प्रदान करना |
सक्षम प्राधिकारी द्वारा अनापत्ति प्रमाणपत्र की स्वीकृति प्रदान करना |
90 (संस्तुति और निरीक्षण रिपोर्ट के साथ सभी अपेक्षित दस्तावेजों सहित अनापत्ति प्रमाणपत्र हेतु आवेदन की प्राप्ति के बाद) |
दिन |
प्राचीन संस्मारक तथा पुरातत्वीय स्थल और अवशेष अधिनियम (एएमएएसआर) अधिनियम 2010 |
शिकायत निवारण तंत्र
यदि सेवा मानकों का अनुपालन नहीं किया जाता, सेवा प्राप्तकर्ता/हितधारक अपनी शिकायत के समाधान के लिए निम्नलिखित जन शिकायत अधिकारी से संपर्क कर सकते हैं:-
श्री भास्कर वर्मा, आईसीएएस
सदस्य सचिव
24, तिलक मार्ग, नई दिल्ली- 110001
दूरभाष: 011- 23073837
ई-मेल: ms-nma[at]nic[dot]in
निम्नलिखित लिंक पर भी शिकायत दर्ज की जा सकती है: -
https://pgportal.gov.in
शिकायत आगे ले जाना
यदि एक माह की अवधि के भीतर शिकायत का निवारण नहीं किया जाता, तो इसे निम्न नोडल प्राधिकरण के पास उच्चतर स्तर पर उठाया जा सकता है: -
श्री तरुण विजय
अध्यक्ष, राष्ट्रीय संस्मारक प्राधिकरण
दूरभाष: 23380540
ई-मेल: chairman-nma[at]gov[dot]in
हितधारकों / ग्राहकों की सूची
क्र.सं.
|
हितधारक |
1. |
जन सामान्य। |
राष्ट्रीय संस्मारक प्राधिकरण के अंतर्गत उत्तरदायी केन्द्र और अधीनस्थ संगठन:
आईएएस:2003
सचिव, संस्कृतिविभाग, यूकेऔरसक्षमप्राधिकरण, उतराखंड
सचिव, संस्कृति विभाग, यूके और सक्षम प्राधिकरण,
एमडीडीए कॉलोनी, चंदर रोड, डालनवाला देहरादून-248001 उतराखंड
0135-2714105
मो. :08395889234
ईमेल : dilipjawalkar[at]gmail[dot]com, Secy.tourism.uk[at]gmail[dot]com
क्र. सं. |
नाम और पदनाम |
|
संपर्क सूत्र |
1. |
डॉ. अरविन मंजुली |
पुरतत्व भवन, |
011-24654003 |
2. |
श्री मदन सिंह चौहान |
करेंसी बिल्डिंग, 1 बीबीडी बैग, |
033-22622254 |
3. |
श्रीमती नंदिनी भट्टाचार्य साहू |
सायन का किला, सायन, |
022-24037282 |
4. |
श्रीमती जी माहेश्वरी |
राष्ट्रीय संस्मारक प्राधिकरण, |
044-25670348 |
5. |
डॉ पी.के. मिश्रा क्षेत्रीय निदेशक (केंद्रीय) एएसआई और सक्षम प्राधिकारी, |
जी.टी.बी. कॉम्प्लेक्स (तृतीय तल), टी.टी.नगर , |
0755 – 2555526
|
6. |
श्री अनिल कुमार |
आयुक्त कार्यालय, |
0562-2226812 |
7. |
श्री दीपक अग्रवाल |
उदय प्रताप मार्ग, |
0542- 2508203 |
8. |
श्री मुकेश कुमार |
महात्मा गांधी मार्ग, सीडीआरआई के पास |
0522 – 2629522 |
9. |
श्री मालविंदर सिंह जग्गी |
पुरातत्व, सांस्कृतिक मामले, |
0172 – 2694889 |
10. |
श्री रवि प्रकाश गुप्ता |
पुरातत्व और संग्रहालय, |
0172 – 2740560 |
11. |
श्री पी.सी. शर्मा |
पुरातत्व और संग्रहालय |
0141 – 2820360 |
12. |
श्री कमलेश कुमार पंत |
शिक्षा विभाग , |
0177-2880740,2621195 |
13. |
श्री मुनीर - उल -इस्लाम |
पुरातत्व और |
0191 – 2578834 |
14. |
श्री पी.ए. शर्मा |
अभिलेखागार भवन |
079-2355797 |
15. |
श्री विजय कुमार नायक, आईएएस |
संस्कृति निदेशालय, |
0674-2432147 |
16. |
श्री रवि मनु भाई परमार |
कला और संस्कृति और युवा मामले,विकास भवन , |
0612 – 2211619 |
17. |
श्री अनिल कुमार साहू |
संस्कृति और पुरातत्व निदेशालय, |
0771 – 2537404 |
18. |
श्री दीपक कुमार साही, आईएएस |
कला, संस्कृति, खेल और युवा मामले निदेशालय, |
0651 – 2401917 |
19. |
श्रीमती (डॉ.) जी. गालिवानी मोहन |
पुरातत्व और संग्रहालय विभाग, |
0866-2410986 |
20. |
श्री ए. दिनकर बाबू , |
निदेशक का कार्यालय, धरोहर विभाग, तेलंगाना (पूर्व में पुरातत्व और संग्रहालय विभाग), गनफाउंड्री , तेलंगाना राज्य |
040 – 23234942 |
21. |
श्रीमती के.आर. सोना |
पुरातत्व निदेशक, सुंदरा विलासम पैलेस, |
0471-2573797 |
22. |
डॉ. (श्रीमती) दीप्ति रेखा कोली |
पुरातत्व निदेशालय, |
मो : 09435558160 |
23. |
श्री देवेश सिंह आईएएस |
चीफ सचिवालय |
0413-2330700 |
24. |
श्री चोखा राम गर्ग |
अभिलेखागार और पुरातत्व, |
0832-2419417 |
25. |
श्रीमती पूजा जैन/तपस्या राघव |
पर्यटन निदेशालय |
0260-2231803 |
26. |
श्री दिलीप जावलकर |
||
27. |
श्रीमती जी माहेश्वरी |
केएसआईएमसी बिल्डिंग |
080-234095,97,98 |
28. |
सुश्री कुन्ज़ेस एंगमो (केएएस) |
निदेशक पर्यटन, पर्यटक स्वागत केंद्र, पर्यटन कार्यालय, |
मो. : 9419179108 |
सेवा प्राप्तकर्ताओं से सांकेतिक अपेक्षाएं
केंद्रीय लोक शिकायत निवारण और निगरानी प्रणाली
(सीपीजीआरएएमएस) HTTP://PGPORTAL.GOV.IN